Thursday 26 March 2020

लॉक डाउन / लेखक- मनीश वर्मा

*लाॅक डाऊन*

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२१ दिनों का लाॅक डाऊन !
बड़ी ही अभूतपूर्व स्थिति है। एक बार अगर आप इस बारे मे सोचने लगे तो मन सिहर उठता है। दिन कैसे कटेंगे? पर, घबराएं नही । समय भला रूका है किसी के लिए। ये दिन भी कट जाएंगे। रह जाएंगी सिर्फ इन दिनों की यादें। अभूतपूर्व यादें !बस हम सभी को मिलकर, देशहित मे, समाज हित मे , और खासकर  मानवता के हित यह सोचने और प्रयास करने की जरूरत है कि इन दिनों की स्मृतियां अच्छी हों।

किसी भी कारण से, एक बाध्यता ही सही, इसे एक मौका के रूप मे लें। खुद को स्पेस दें। अपने बारे मे ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करें।

 आत्ममंथन करें।बच्चों के साथ, एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जिएं।  उन्हें, उनके जज्बातों को समझने की कोशिश करें। एक बेहतर कल के लिए उनके लिए एक माहौल तैयार करें।अगर बच्चे छोटे हैं तो, एक छोटे से वक्त के लिए ही सही , एक बेहतर माहौल देने की कोशिश करें।  बच्चों का आभासी दुनिया मे मशगूल हो जाना कहीं न कहीं परवरिश मे दोष ही है। बच्चों के साथ समय बिताना आज की जरूरत है । अगर, बच्चे आपके  बड़े हैं और अपने आप को सेटल करने की कोशिश कर रहे हैं तो उनके साथ समय बिताएं, अपने अनुभवों को साझा करें जो उन्हें उनके एक बेहतर कल के लिए निर्णय लेने मे सहायक सिद्ध हो।कहने का सार है कि अपने परिवार के साथ समय गुजारें।

पुरी की पुरी दुनिया इस वक्त एक गंभीर संकट से गुजर रही है। हमे इस लाॅक डाऊन के महत्व को समझना होगा। प्रशासन के लोगों के लिए यह संभव नही है कि हर एक व्यक्ति के पीछे जाए। सरकार जो भी निर्णय ले रही है , हमारे अच्छे के लिए ले रही है। इसे समझें। अभी समीक्षा का वक्त नही है। इसकी गंभीरता को सभी लोगों को समझना और समझाना होगा।

यही वक्त है हमे एक होकर सोचने का भी। हम सभी मानव हैं। जब *को-  रोना* लोगों की जाति, धर्म, क्षेत्र आदि मे भेद नही कर रहा तो फिर हम क्यों करें ?संकट के बादल सभी पर छाए हुए हैं। कोई, कहीं भी नही बच पा रहा है। सिर्फ और सिर्फ  social distancing ही फिलहाल एक विकल्प है इसके प्रसार और प्रभाव को रोकने का। हम सभी का एक सार्थक प्रयास एक सार्थक परिणाम ही सामने लेकर आएगा।

 वस्तुत: २१ दिनों के इस लाॅक डाऊन को हम सभी एक यात्रा के रूप मे लें। एक ऐसी यात्रा , जिसमें रास्ता भी हम ही हैं, राही भी हम ही हैं और मंजिल भी हम ही हैं।

२१ दिनों के उपरांत हम मंजिल पर पहुंचेंगे, निश्चित पहुंचेंगे, जहां *को-* *रोना* विजय पर एक जश्न का माहौल होगा। हम सभी इस जश्न के साक्षी होंगे।
......
 *मनु कहिन*
 *२६.०३.२०२०*
ईमेल - itomanish@gmail.com
                                 


5 comments:

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  2. बहुत ही महत्वपूर्ण आलेख, हिम्मत बढ़ाया आपने

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  3. Well said...we all should strictly follow the one and only social distancing norms. Time will pass only memory will remain 🙏

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