कविता
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Corona Bejod Filmi Vlibes (हिन्दी में) / . Corona Bejod Humou(चुटकुले हिन्दी में)
Corona Bejod Filmi Vlibes (हिन्दी में) / . Corona Bejod Humou(चुटकुले हिन्दी में)
ओढ़ कोहरे की रजाई
ऊंघता रहा चांद रातभर
ठिठुरती रही हवाएं
अलाव के गिर्द रात-भर
दसों दिशाएं कांप रहीं थीं
हरखू के मचान पर
भूत बनकर खड़े फसल
डरा रहे थें रात-भर
ढिबरी की मद्धिम बत्ती में
नाल कटने की आस लिए
प्रसव वेदना में कातर बुधिया
छटपटाती रही रात-भर
कांपता परदेसी पथ पर
घर पहुंचने की साध लिए
खेत की पगडंडियों पर
भटकता रहा रात-भर
मोतियाबिंद से लाचार
घुटने के दर्द से बेजार मां
गर्म तेल की प्रतीक्षा में
सुबकती रही रात-भर
धीमे-धीमे सघन हो
कोहरा उतर आया भीतर
बूंदें बरसें, धुंध छंटे कुछ
सोचता रहा मन रात-भर.
.....
कवयित्री -पूनम (कतरियार)
पता -पटना
कवि का ईमेल - poonamkatriyar@yahoo.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com
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